Sampradayikta ke Badalte Chehre
Rs.125/-
- Description :
- " आज भू-मंडलीकरण के दौर में, सोवियत संघ के पतन के कारण अमेरिका की
तानाशाही और चैधराहट को चुनौती देने वाला कोई देश नहीं है। देखा जाए तो दुनिया
भर में साम्प्रदायिक शक्तियों को मदद करने में अमेरिका सबसे आगे रहा है। आज
जब उसकी अपनी ही नीति भस्मासुर बनकर उसका पीछा कर रही है, तो वह उसमें
भी दाव खेल रहा है और आतंकवाद की पूंजीवादी परिभाषा गढ़ रहा है। इस पुस्तक
में दर्ज रमणिका गुप्ता का यह मूल्यांकन बिल्कुल सही है कि, ”आज अमेरिका का
लादेन पर हमला वह लादेन जो उसी का पैदा किया हुआ है, भी बाजारवाद की रक्षा
के लिए छेड़ी गई लड़ाई है न कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए।“ वह इराक
का युद्ध हो या फिर अमेरिका के लातिन अमेरिका में उसके नापाक इरादे अमेरिका
का मकसद है नए सिरे से औपनिवेश।
इस पुस्तक के प्रकाशन से यह बहस और आगे बढ़ेगी और प्रतिरोध की संस्कृति
विकसित करने में यह पुस्तक एक निर्माणधीन साबित होगी।
"
- Format :
- HB
- ISBN No. :
- 81-8143-122-7